Tuesday, January 3, 2012

क्या आप अपने देश के लिए संघर्ष करेंगे ? ......>>> संजय कुमार

कहने को तो संघर्ष एक छोटा सा शब्द है , किन्तु इस छोटे से शब्द पर सफलता हांसिल करने में इंसान का पूरा जीवन निकल जाता है ! फिर भी यह संघर्ष निरंतर चलता रहता है ! कुछ संघर्ष कर सफलता का स्वाद चख लेते हैं और कुछ कभी भी हांसिल नहीं कर पाते और मृत्यु और उसके बाद भी कभी ना खत्म होने वाला संघर्ष चलता रहता है ! संघर्ष एक बहने बाली नदी के समान होता है जिसे सिर्फ बहना आता है ! ठीक उसी तरह संघर्ष भी इंसान के जीवन में कभी नहीं रुकता ! इंसान छोटा हो या बड़ा , अमीर हो या गरीब , हिन्दू हो या मुस्लिम जीवन में संघर्ष सभी को करना पड़ता है , बिना संघर्ष किये हुए इंसान का कोई अस्तित्व नहीं होता वह सफलता हांसिल नहीं कर सकता ! जीवन में यदि कुछ पाना है तो संघर्ष तो करना ही पड़ेगा ! एक इंसान जन्म से लेकर मृत्यु तक पल पल पर संघर्ष ही करता है ! इंसान का संघर्ष जन्म से शुरू होता है , माफ़ कीजिये जन्म से पहले भी संघर्ष होता है , आप सोच रहे होंगे कि जन्म से पहले इंसान कैसे संघर्ष कर सकता है ! अरे भई बात तो बहुत सीधी कर रहा हूँ , मैं उस अजन्मी बेटी की बात कर रहा हूँ जो इस दुनिया में आने के लिए वंशवाद तो कभी रुढीवादी सोच वाले लोगों से संघर्ष करती है ! आज के इस युग में जहाँ कन्या भ्रूण हत्याएं अपने चरम पर हैं ! अगर इंसान गरीब हो तो उस इंसान का पूरा जीवन इस संघर्ष में ही गुजर जाता है वह भी इस सोच के साथ कि एक दिन वो बड़ा आदमी बनेगा और इसी सोच के साथ संघर्ष करते करते उसकी कई पीढ़ियाँ निकल जाती हैं ! आज का बेरोजगार युवा बस एक छोटी सी नौकरी पाने के लिए कितना संघर्ष करता है ये बात किसी से छुपी नहीं है उस पर आज देश में चारों ओर फैला भ्रष्टाचार , बेईमानी , लूट-खसोट युवाओं के संघर्ष को कई गुना बड़ा देती है ! अपने घर से, अपनों से उपेक्षित माँ-बाप अपने ही घर में अपनों से सम्मान पाने के लिए कितना संघर्ष करते हैं ! भूँखा भिखारी भी अपनी भूख मिटाने के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष करता है ! जब तक इंसान का जीवन है , तब तक इंसान सिर्फ संघर्ष ही करता है ! सच है संघर्ष बिना इंसान सफलता हांसिल नहीं कर सकता ! आज के इंसान को इस संघर्ष ने मशीनी मानव बना दिया है ! और हम जानते हैं मशीनें कभी नहीं रूकती ! हम हमेशा अपने लिए संघर्ष करते हैं , किन्तु अपने देश के लिए शायद कभी नहीं या फिर बहुत कम ......
हमारे देश को आज ऐसे लोगों की आवश्यकता है जो अपने समाज और देश के लिए संघर्ष करें क्योंकि आज हमारा देश संघर्ष कर रहा है ऐसे लोगों से अपने आप को बचाने का जो देश के दुश्मन हैं , जो पल पल पर इस देश को बेचने का काम कर रहे हैं ! हमारा देश आज संघर्ष कर रहा एकता , अखंडता और भाईचारे को बचाने का , वो सम्मान बचाने को जो पल पल पर हाँथ से यूँ फिसल रहा है जैसे फिसलती हाँथ से रेत ! आज देश संघर्ष कर रहा अपने ही भाइयों को अपनों का खून बहाने से रोकने के लिए , दिन-प्रतिदिन हिन्दू -मुस्लिम के बीच बढ़ती खाई को खत्म करने के लिए ! हमारी जीवनदायनी प्रकृति भी आज अपना असली रूप बचाने के लिए संघर्षरत है ! गंगा-जमुना-सरस्वती भी अपना बचा कुचा अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है ! आज अधर्मियों के हांथों में धर्म को चलाने की कमान है उनसे अपनी धार्मिकता बचाने के लिए धर्म भी संघर्ष कर रहा है ! इंसान को संघर्ष करना पड़ रहा है अपनी बची-कुची इंसानियत को बचाने के लिए ! देखना है इंसान के साथ-साथ पूरी कायनात जो संघर्ष कर रही है क्या उसका संघर्ष कभी पूरा होगा ? क्या इंसान का संघर्ष मरते दम तक पूरा होगा ? संघर्ष के बाद मिलने वाली सफलता का जो मजा आता है वो हजार खुशियों के मिलने पर भी नहीं आता ! क्या आप अपने साथ -साथ और अपने देश के लिए संघर्ष करेंगे ?
संघर्ष के रास्ते हजार मुश्किलें आएँगी , किन्तु आप उनसे डरें नहीं बल्कि आप अपने मजबूत होंसलों , सिद्धांतों पर द्रण रहकर , पूर्णतया ईमानदारी के साथ बढ़ते चलें !

धन्यवाद

6 comments:

  1. जीवन का दूसरा नाम ही संघर्ष है। जीवन में आप संघर्ष से भाग नहीं सकते। एक समाप्‍त होता है तो दूसरा प्रारम्‍भ हो जाता है। लेकिन कुछ लोग व्‍यक्तिगत संघर्षों में ही जीवन व्‍यतीत कर देते हैं जबकि कुछ लोग देश और समाज हित में कार्य करते हैं।

    ReplyDelete
  2. हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले।

    ReplyDelete
  3. बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले..

    ReplyDelete
  4. संघर्ष तो करना ही होगा ..

    ReplyDelete
  5. इस छोटे से शब्द पर सफलता हांसिल करने में इंसान का पूरा जीवन निकल जाता है !
    ....सत्य कहा आपने संजय जी पर संघर्ष तो करना ही होगा बिना संघर्ष के कुछ नहीं होने वाला

    ReplyDelete
  6. सच कहा आपने जीवन एक संघर्ष हें और संघर्ष से ही कर्म जुड़ा हें अगर इन्सान या संसार का कोई भी जीव कर्म नहीं करता तो बह मृत माना जाता हें क्यों कि किसी ने सच कहा हें कि पलक झपकना भी एक कर्म हें और कर्म करना एक संघर्ष |
    प्रेषक -शंकर

    ReplyDelete